वक्त...हालात...ज़िंदगी...
वक़्त
दगाबाज़ है
बहुत
एक सा रहने के
भरोसे दिला कर
कभी भी बदल जाता है
हालात
का वादा था
बने रहने का
पर
वक्त को देख
वक्त के साथ
चलने की ज़िद में
मचल जाता है
ज़िंदगी
साथ देने का इसका
नहीं कोई वादा भी
और
पता भी नहीं
कब छोड़ेगी साथ
पर चल रही है
और
साथ है तब भी
साथ छोड़ चुके हैं
जब वक़्त और हालात....
(दरअसल ज़िंदगी की सबसे अच्छी बात ये है कि य़े चलती रहती है.....और शायद सबसे बुरी बात भी यही है....)
बहुत बढ़िया! यही जिन्दगी है लेकिन!
जवाब देंहटाएंaur gappu bhaiya kya haal chal hai............
जवाब देंहटाएंसुन्दर अभिव्यक्ति। आभार।
जवाब देंहटाएंNihayat khoobsoorat rachna!
जवाब देंहटाएंखूबसूरत पोस्ट
जवाब देंहटाएंbahut badiya...
जवाब देंहटाएंbaat sahi bhi sateek bhi
जवाब देंहटाएंसुन्दर प्रस्तुति
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