इश्क का हिसाब किताब
कल किसी ने एक शेर भेजा....शेर क्या एक अधूरी सी नज़्म और मुझसे उसका जवाब मांगा.......अब न तो हमको पता था कि ये किसकी नज़्म है न ही कभी पढ़ी थी सो खुद ही उसको पूरा कर के भेज दिया। अगर आप में से किसी का मतला हो तो मुआफ़ी चाहूंगा.....पर जवाब तो देना ही था सो लिख डाला, बताएं कि कैसा है......
जो भेजा गया था,
मैं मांग लूं गर हिसाब तुमसे
जवाब तुमसे
तो कैसे दोगे जवाब कोई
दे न सकोगे हिसाब कोई
तुम्हे ख़बर क्या कि रतजगों का हिसाब क्या है
उन आंसुओं का हिसाब क्या है
ये हिज्र है सवाल तो जवाब क्या है
जो हमने जवाब में भेजा
तुम अगर माँग लो हिसाब मुझसे
दे दूंगा प्यार बेहिसाब तुम्हे
जो रतजगे किए हैं तुमने तो
मेरी आँखें भी साथ जागी हैं
तुम्हारे आंसुओं की बारिश से
मेरी भी पलकें भीगी भागी हैं
पढ़ूंगा इस तरह से चेहरा कि
बना दूं प्यार की किताब तुम्हें
तुम अगर माँग लो हिसाब मुझसे......
अगर है हिज्र एक सवाल तो फिर
जवाब बस एक इंतज़ार तो है
अगर नहीं मिलेंगे हम तुम तो
हमारे पास अपना प्यार तो है
करेगा हुस्न की बुलंदी पर
ये मेरे इश्क का शबाब तुम्हे
तुम अगर माँग लो हिसाब मुझसे......
इश्क केवल कोई सवाल नहीं
ये है जवाब सारी वहशत का
इश्क कोई आम सा हिसाब नहीं
ये है हिसाब तेरी किस्मत का
न ये बस आंसुओं की बारिश है
न फ़कत रतजगों के किस्से हैं
ये हिज्र कोई छोटी बात नहीं
ये अपनी दास्तां के हिस्से हैं
ये दास्तां जो हर इक लम्हे ने
बुनी मिल के
ये दास्तां जो कही फूलों ने
सुबह खिल के
ये दास्तां जिसे सुना के
रात सोई है
ये दास्तां जो तेरे साथ
हंसी रोई है
इश्क सिर्फ़ आलमी बयार नहीं
ये बदलता नहीं वो मौसम है
हिज्र तो बात भर है कहने को
तू तो ज़ेहन में मेरे हरदम है
न ही रुसवाई, न ग़म, न आंसू
न बेवफ़ाई, न हम, तुम भी नहीं
कैसा कोई हिज्र या कोई मातम
इश्क है इश्क और कुछ भी नहीं
हूं इश्क में मगर बीमार नहीं
दिल में मेरे कोई गुबार नहीं
इश्क मेरा है सीधा साधा सा
पर ये अहसास है नायाब तुम्हे
तुम अगर मांग लो हिसाब मुझसे
न दूंगा मैं कोई जवाब तुम्हें
तुम अगर मांग लो हिसाब मुझसे
मैं दूंगा प्यार बेहिसाब तुम्हे
तो कैसा लगा जवाब.....वैसे लख़नऊ वाले हाज़िरजवाब तो होते ही हैं .....
bahut khoobsurat laga aap to ustadon ki ustaad hain
जवाब देंहटाएंअच्छा ज़वाब दिया आपने ..बहुत खूब
जवाब देंहटाएंwaah behad khubsurat badhai,jawab bhi lajawab.
जवाब देंहटाएंबेहतरीन लखनवी हाज़िरजवाबी रही आपकी।
जवाब देंहटाएंishq ki daastaan hai pyare
जवाब देंहटाएंapni-apni zubaan hai pyaare......
saahir ludhiyaanvi ke gharane se shaqeel bandaayuni ke rang wale ashaar nikal rahe hain.......
bahut umda......
meri jhidkiyan kaam kar rahi hain........darasal typed hone laga tha main bhi aap bhi...... idhar aapne chandbaddh likha hai jabki maine mukt chand mein hath aajmaaya hai.....
waise ye sawaal kiska tha ?
बहुत चुन कर जबाब दिया है-एकदम सधा हुआ. बधाई.
जवाब देंहटाएंमांगने पर मिला तो सवाल का जवाब उन्हें
जवाब देंहटाएंमुबारक,दुनिया में अहसास ऐ इश्क का हिसाब,तुम्हे
इश्क का शबाब ,हुस्न की बुलंदी ,
कैसे कैसे सवाल ,कैसे कैसे जवाब
पढ़ते तो हो प्यार की किताब ,
रखते हो फ़िर भी इतना हिसाब ,
अमा यार ,हिज्र का सवाल है
तो हिज्र में दूंगा जवाब तुम्हें ,
कम से कम तब तक पढ़नी पड़ेगी ,
हुस्नो - इश्क की किताब तुम्हें
क्या बात है अनुपम जी.....मुकर्रर....
जवाब देंहटाएंवैसे ये अदा एक बार भारी पड़ चुकी है पर है निराली....
are ye to jawab hi laajawaab hai.
जवाब देंहटाएंदो लाइनें याद आ रही हैं ;
जवाब देंहटाएंतुम परायों की बात करते हो,
मैंने अपने भी आजमायें हैं ,
लोग काँटों से बचके चलते हैं ,
मैंने फूलों से ज़ख्म खाए हैं |
बेहतरीन...लाजवाब कर दिया...
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