नए साल की शुभकामनाएं
नए साल की शुभकामनाएं
नए साल की शुभकामनाएं !
खेतों की मेड़ों पर धूल भरे पाँव को
कुहरे में लिपटे उस छोटे से गाँव को
नए साल की शुभकामनाएं !
जोते के गीतों को बैलों की चाल को
करघे को कोल्हू को मछुओं के जाल को
नए साल की शुभकामनाएं !
इस पकती रोटी को बच्चों के शोर को
चौंके की गुनगुन को चूल्हे की भोर को
नए साल की शुभकामनाएं !
वीराने जंगल को तारों को रात को
ठंडी दो बंदूकों में घर की बात को
नए साल की शुभकामनाएं !
इस चलती आँधी में हर बिखरे बाल को
सिगरेट की लाशों पर फूलों से ख़याल को
नए साल की शुभकामनाएं !
कोट के गुलाब और जूड़े के फूल को
हर नन्ही याद को हर छोटी भूल को
नए साल की शुभकामनाएं !
उनको जिनने चुन-चुनकर ग्रीटिंग कार्ड लिखे
उनको जो अपने गमले में चुपचाप दिखे
नए साल की शुभकामनाएं !
सर्वेश्वर दयाल सक्सेना ( कवि को संग्रह खूंटियों में टंगे लोग के लिए १९८३ में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया)
नववर्ष की आपको भी शुभकामनाएँ।
जवाब देंहटाएंएक अच्छी कविता पढ़वाने के लिए धन्यवाद।
घुघूती बासूती
आप और आपके परिवार को नव वर्ष की शुभकामनाएं।
जवाब देंहटाएंaap aur aapke parivaar ko bhee navvarsh kee dher saare shubhkaamnaayen
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