26 साल...
आज मेरा जन्मदिन है....क्योंकि आज के ही दिन सन 1984 में मैंने लखनऊ के क्वीन्स मैरी अस्पताल (के.जी.एम.सी) में जन्म लिया था...शायद रोते हुए ही...और अब तक की सारी उम्र भी रोते हुए ही काट दी...शायद हम सारे इंसान एक जैसे होते हैं...रोते रहते हैं और इसीलिए पैदा भी रोते हुए ही होते हैं....जब शुरुआत ही ऐसी है तो खाक बाकी हंसी होगी...खैर आज 26 साल का हो गया हूं और एक बात बेहतर समझता हूं कि दरअसल मुश्किलें ही ज़िंदगी और ज़िंदा होने का सबब देती हैं....नहीं करिहो का ज़िंदा रह के....सुबह से लोग शुभकामनाएं दे रहे हैं...फोन ससुरा कम था कि अब मोबाइल...एसएमएस....ईमेल...ऑर्कुट और फेसबुक भी है....लगा कि कुछ तो लिख ही दूं...तो कुछ भी लिखने के चक्कर में कुछ लिखा डाला है....आज मेरा जन्मदिन है आशा है कम से कम आज तो आप एक कविता झेल ही लेंगे.....
26 साल...
26 साल
बिना किसी मुश्किल
कट जाते
मुश्किल था
ऐसा सोचना भी
पर हर वक्त
बैठा, उठा
रहा
जहां कहीं
सोचा बस यही
घबराता हुआ
मनाता रहा दिल
कि काश न होती
कोई भी मुश्किल
और इसी मनाने में
सोचने-विचारने
घबराने में
कट गए
निपट गए
ये 26 साल
और मैं
हर बार
करता रहा पार
ये मुश्किल
कि सोचना
न आए मुश्किल
और मुश्किलें आती गई
और आगे
आने वाले सालों में भी
होगा ऐसा ही कुछ....
क्योंकि
सोच से बड़ी
कोई मुश्किल नहीं....
मयंक सक्सेना
28-07-1984
जन्म दिन पर बहुत बहुत बधाई
जवाब देंहटाएंजन्म दिन की हार्दिक शुभकामनाए!
जवाब देंहटाएंJanam din mubarak ho!Aur sahi kaha...mushkilen hee jeene ka sabab banti hain!
जवाब देंहटाएंHappy birthday....
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंइतने साल कट गए तो थक गए
जवाब देंहटाएं26 साल अंकशास्त्र की नजर में क्या
दो जमा छह यानि कुल आठ
तो क्या जिए कुल जमा आठ
कहते हो रोते हुए पैदा हुए
पर पोस्ट पर हंसते हुए नजर आए
आगाज ऐसा है तो अंदाज क्या होगा
भले ही कहता हो सारा जमाना
जमाना क्या तुम भी कहते हो
पर अगाज जैसा भी हो
कहते हैं कि अंत भला तो सब भला
इसलिए रोते आते हैं सब
पर हंसता हुआ जो जाता है
उसे सिकंदर ही कहते हैं, पर
सिकंदर याद दिला दुं तुम्हें
दो तिहाई विश्व का विजेता था
लेकिन कहते हैं कि वो खुद
खाली हाथ गया था
कहते ये भी हैं कि रुखसत
उसे उसके ही सिपहसलारों ने किया था
रुखसत गांधी और भगत सिंह भी किए गए
भले ही तरीके अलग अलग तरीके थे
पर विश्व विजेता की तरह
खाली हाथ नहीं थे उनके
एक के साथ थी देश की तरुणाई
तो दूसरे के साथ थी
देश की बची खुची आत्मा
इसलिए अब तुम सोचो
कि हुए 26 साल के
या घटे 26 साल
ये भी तुम सोचो
हंसते रहे या रोते रहे
26 साल
सोचना इसलिए क्योंकि सोचना
तुम्हारे ही शब्दों में मुश्किल
से भी मुश्किल है.......
और सबसे आसान है एक ही शहर में, आसपास रहकर भी साइबर की दुनिया में जन्मदिन की मुबारक बाद।
जवाब देंहटाएंपार्टी अगले महीने एक तारिख को, पर साइबर में नहीं.
जन्मदिवस की हार्दिक शुभकामनायें
जवाब देंहटाएंजन्म दिन मुबारक हो
जवाब देंहटाएं26 से होते हैं आठ
जीवन में रहते हैं ठाठ
जन्मदिन पर ब्लॉग प्रिंस को बधायी ,पता है आज ब्लॉग शहंशाह समीरलाल जी की भी शादी है ! उन्हें भी बधाईयाँ दे आयें !
जवाब देंहटाएंजन्मदिन की ढेरों बधाई और शुभकामनायें...
जवाब देंहटाएंजन्मदिन की हार्दिक शुभकामनायें.
जवाब देंहटाएंजन्म दिन की हार्दिक शुभकामनाए
जवाब देंहटाएंइधर हम भी अभी चार दिन पहले ही बाइस के हुए हैं।
जवाब देंहटाएंशुभकामनायें।
जन्म दिन पर बहुत बहुत बधाई
जवाब देंहटाएंजन्म दिन पर बहुत बहुत बधाई
जवाब देंहटाएंभूल हो गयी -समीरलाल जी की शादी नहीं जन्मदिन है -माफी !
जवाब देंहटाएंजन्मदिवस की हार्दिक शुभकामनायें....
जवाब देंहटाएंजन्मदिवस की हार्दिक शुभकामनायें...!
जवाब देंहटाएंखूब कवितायें लिखो
जवाब देंहटाएं