१६ दिसम्बर

दरअसल हम में से ज़्यादातर लोगो को शायद ही याद हो कि आज के दिन ही सन् १९७१ में पाकिस्तानी सेना ने भारतीय सेना के सामने अपने ९०,००० सैनिको के साथ आत्मसमर्पण किया था। इस तरह भारत पाकिस्तान के सबसे बडे युद्ध का अंत हुआ था और बांग्लादेश का जन्म हुआ था। गलती आपकी नही हमारी मीडिया कि है जो शायद अमिताभ और शाहरुख़ के जन्म दिवस को ही महत्वपूर्ण तारीखें मानता है। खैर हम याद कर सकते हैं उन सभी हिन्दुस्तानी और पाकिस्तानी सैनिको को जिन्होंने इस युद्ध में अपनी जान गवाई और शहीद हुए, क्योंक सैनिक का कोई मुल्क और धर्म नही होता उनका धर्म, कर्म और मुल्क उनकी बहादुरी और वतनपरस्ती का जज्बा होता है। हम ताज़ा हवा पर उनको श्रद्धांजलि देते और दुआ करतें है कि दुनिया में और युद्ध न हो .........फिल्म बॉर्डर में जावेद साहब की एक नज्म है उसको याद करें,
जंग तो चंद रोज़ होती है ........
ज़िंदगी बरसों तलक रोती है
शायद हमारी मीडिया भी एक दिन संवेदना को समझ पाए ... आमीन !
जंग तो चंद रोज़ होती है ........
ज़िंदगी बरसों तलक रोती है
शायद हमारी मीडिया भी एक दिन संवेदना को समझ पाए ... आमीन !
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