3 बजे याद है न....


अविनाश जी के साथ मैं खड़ा हूं आपके इंतज़ार में....

तो मिलते हैं सही वक्त पर...

सही जगह...

सही इरादों को....

सही अंजाम पर पहुंचाने....

जाट धर्मशाला

नांगलोई....

बस कुछ ही घंटों बाद....

टिप्पणियाँ

एक टिप्पणी भेजें

लोकप्रिय पोस्ट