आज बाल दिवस है ..... पंडित नेहरू का जन्म दिवस भी तो पेशे खिदमत है अनिल जनविजय की एक कविता.....अनिल जी अनुदित पद्य का पहचाना नाम हैं, इन्होने कई रूसी कविताओं का हिन्दी अनुवाद किया है, शिल्प देख कर यह कविता भी रूसी ही प्रतीत होती है, मुझे अच्छी लगी सो आपके सामने प्रस्तुत है .......
देखा था उसने जवाहर को बचपन में
तब उम्र बहुत सरस थी
तीन-चार बरस की
सफ़ेद चूड़ीदार पाजामा
सिर पर सफ़ेद टोपी थी
छाती पर लाल गुलाब सजा
श्वेत था परिधान पूरा श्वेत अचकन में
तुम भी ऎसे ही बनना--माँ ने कहा
जगा दिया बालक के मन में सपना नया
फिर जिद्दी उस बच्चे ने चाही
वैसी ही पोशाक
अचकन, चूड़ीदार पाजामा,
लाल गुलाब हो साथ
कई बरस बना रहा वह वैसा ही जवाहर
स्वदेश बसा उसके दिल में अब भी
जनता को अपनी वह करता है प्यार
उम्र हुई अब उस बालक की आठ कम पचपन की
अनिल जनविजय
एक अच्छा विचार उठा है मन में कि काश दुनिया में सब बच्चे बन जाते ..... फिर झगडा तो होता पर दुश्मनी नही होती ! इस पर अगली पोस्ट में लिखूंगा और हाँ वो चुनाव वाली रचनाएँ भी.....
देखा था उसने जवाहर को बचपन में
तब उम्र बहुत सरस थी
तीन-चार बरस की
सफ़ेद चूड़ीदार पाजामा
सिर पर सफ़ेद टोपी थी
छाती पर लाल गुलाब सजा
श्वेत था परिधान पूरा श्वेत अचकन में
तुम भी ऎसे ही बनना--माँ ने कहा
जगा दिया बालक के मन में सपना नया
फिर जिद्दी उस बच्चे ने चाही
वैसी ही पोशाक
अचकन, चूड़ीदार पाजामा,
लाल गुलाब हो साथ
कई बरस बना रहा वह वैसा ही जवाहर
स्वदेश बसा उसके दिल में अब भी
जनता को अपनी वह करता है प्यार
उम्र हुई अब उस बालक की आठ कम पचपन की
अनिल जनविजय
एक अच्छा विचार उठा है मन में कि काश दुनिया में सब बच्चे बन जाते ..... फिर झगडा तो होता पर दुश्मनी नही होती ! इस पर अगली पोस्ट में लिखूंगा और हाँ वो चुनाव वाली रचनाएँ भी.....
बाल दिवस की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाऐं.
जवाब देंहटाएंबाल दिवस की हार्दिक शुभकामनाऐं....
जवाब देंहटाएंगर दुनिया में ज्यादातर सच्चे होते
जवाब देंहटाएंतो अधिकतर मन से तो बच्चे होते
झगडे तो होते पर,दुश्मनी नहीं होती
तबियत देशों की,अनमनी नहीं होती